चना, मसूर, मटर की फसल के साथ गेहूं को भी नुकसान गांवों में खेतों में खेतों में फैली पड़ी है गेहूं की फसल
बांदा। पिछले दिनों बारिश और ओलावृष्टि की वजह से चना, मसूर, मटर की फसल के साथ ही गेहूं की फसलों को भी नुकसान हुआ है। हालांकि सरकार के द्वारा किसानों की बर्बाद ही फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए कारगुजारी तेज कर दी गई है। बावजूद इसके किसान शासन और प्रशासनिक अधिकारियों की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है ताकि उसे बर्बाद फसलों का मुआवजा मिल सके। बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं की बालियां टूटकर खेतों में गिर गई हैं, या फिर फसल खेतों में ही फेल गई है, इससे किसान को काफी नुकसान हुआ है। पिछले दिनों लगातार दो बार बारिश और ओलावृष्टि होने की वजह से किसान परेशान हो उठा था। किसान के खेतों में बोई गई चना, मसूर और मटर की फसलें बर्बाद तो हो ही गई थीं, गेहूं की फसल को भी काफी हद तक नुकसान बताया गया है। मटौंध थाना क्षेत्र के गोयरा गांव में रहने वाले किसान मजीद खान ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि से मटर, चना आदि फसलों को नुकसान तो हुआ ही है, गेहूं की फसल भी बर्बाद हुई है। उन्होंने खेतों को दिखाते हुए बताया कि गेहूं की फसल बारिश और ओलावृष्टि की वजह से खेतों में फैल गई है। ओला गिरने के कारण खेत में तैयार खड़ी गेहूं की फसल की बालियां टूटकर खेतों में ही गिर गई हैं, खेतों में पानी भरने के कारण जमीन पर गिरी बालियांे का दाना भी बेकार हो गया है। इसके साथ ही बड़ोखर बुजुर्ग के किसान महेश कुमार ने बताया कि उसके खेतों में भी बोई गई गेहूं की फसल को क्षति पहुंची है। किसानों ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं की फसल को काफी हद तक नुकसान पहुंचाया है, इससे किसानों को उपज कम मिलेगी। इसके साथ ही बालियां टूट जाने की वजह से दाना भी वापस नहीं लिया जा सकता है। किसानों ने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि की वजह से चना मटर आदि की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। किसानों ने बर्बाद हुई गेहूं की फसल का भी मुआवजा प्रशासन से दिलाए जाने की मांग की है।
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