Editor Prashant Tripathi 24Crime News
बांदा। चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन नवमी को देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने हवन-पूजन के साथ नारियल, पान, बताशा चढ़ा कर विशेष पूजा-अर्चना की। महिलाओं श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा थी। जवारा विसर्जन में उमाह गीत गूंजते रहे। गालों में सांग नाथकर नाचे-थिरके। बुधवार को शहर के महेश्वरी देवी, काली देवी, सिंह वाहिनी, कालका देवी, महामाई, मरहीमाता, चौसठ जोगिनी मंदिर में तड़के से देवी भक्तों के जत्थे ढोलक-मजीरों के साथ गीत गाते पहुंचे। पूजा अर्चना और हवन के साथ देवी भागवत व सप्तशती पाठ का समापन हुआ।
कन्याभोज व भंडारा हुआ। नौ दिन व्रत रखने वालों ने जवारा विसर्जन के साथ व्रत पारायण किया। गिरवां के खत्री पहाड़ विंध्यवासिनी मेला में आसपास के ग्रामीणों समेत सीमावर्ती मध्य प्रदेश के गांवों से हजारों श्रद्धालु देवी दर्शन को आए। बेंदा की कालका देवी मंदिर में क्षेत्रीय लोगों के साथ सीमावर्ती फतेहपुर व कौशांबी जिले से आए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बबेरू में मढ़ी दाई मंदिर में देवी भक्तों ने हवन-पूजन के साथ कन्याभोज और भंडारा किया। नौ दिन व्रत रखने वालों ने पूजन के बाद व्रत पारायण किया। यमुना तट स्थित बाकल की जोगिनी माता मंदिर में नौ दिन चले मेला में क्षेत्रीय श्रद्धालुओं के अलावा अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना को पहुंचे। गालों में सांग नाथ कर उमाह गीतों के साथ देवी भक्तों ने जवारे निकाले।
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