Editor Prashant Tripathi 24Crime News
टॉयलेट और शौच की शौचालय में नहीं कोई व्यवस्था- उमेश तिवारी
बाँदा- नगर पंचायत नरैनी के द्वारा बनवाये गए तहसील के दूसरे गेट के पास सार्वजनिक शौचालय जो की कई सालों से स्टोर रूम बन कर रह गया है जहां तमाम कबाड़ इकठ्ठा है क्षेत्र के लोगों व राहगीर का कोई हित नहीं है देखकर ऐसा लगता है जबसे ठेका लिया गया है तबसे कभी सफाई हुई ही नहीं है। राहगीर या तहसील में आने वाले लोग तहसील खुले में शौच जाने व टॉयलेट जाने पर मजबूर हैं इसका एक गेट तहसील के अंदर की तरफ खुलता है जिसकी भी कभी सफाई नहीं हुई टॉयलेट के लिए लोग घोर बदबू के कारण बगल में जाना पसंद करते हैं मगर सार्वजानिक शौचालय में जाना पसंद नहीं करते हैं।
और सफाई हो भी क्यों? क्योंकि इस शौचालय के ठेकेदार गुलशेर खान हैं जो की व्यापार का कारोबार देखते हैं। और सार्वजनिक शौचालय के बाहर दुकान लगाने वाले से हर महीने पैसा वसूलते हैं। उनका कहना है की सार्वजनिक शौचालय का ठेका उनका है तो उसके सामने दुकान लगाने वाले को किराया देना पड़ेगा। तहसील के अंदर खाद्य आपूर्ती विभाग के पास नरैनी नगर पंचायत द्वारा बनवाया हुआ एक और शौचालय है जहां साफ सफाई तो अच्छी है किन्तु वहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। ना तो टंकी में पानी भरा जाता है और ना ही किसी टैप से पानी आता है। और ना कोई बर्तन उपलब्ध है।
अब जरा सोचिये तहसील में प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं अचानक किसी का पेट गड़बड़ हो गया और उसे शौच जाना पड़े तो कहाँ जाएगा इतनी बड़ी तहसील और यहां तक की नरैनी की चारो रोड में आसपास सार्वजनिक शौचालय नहीं है। अब कई किलोमीटर दूर गांव से आने वाले लोग कैसे मैनेज करते हैं भगवान जाने? ठेकेदारों को मात्र मोटी रकम आने से मतलब। समाजसेवी सोनू करवरिया और उमेश तिवारी बताते हैं सार्वजनिक शौचालय का ठेका ये ठेकेदार नगर पंचायत से कम दाम पर अपने नाम लेते हैँ और इनके सामने फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों से 2000 रूपये प्रति माह किराया के नाम पर वसूलते हैं। साफ सफाई ना रहने के कारण कोई भी व्यक्ति इन सार्वजनिक शौचालय का उपयोग नहीं करता है।
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