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Wednesday, May 8, 2024

दमोह-बाल विवाह के विरूध्द की गई एफ.आई.आर. दर्ज

जिला ब्यूरो चीफ नीलेश विश्वकर्मा 24 क्राइम न्यूज़ दमोह


दमोह : 07 मई 2024 दमोह जिले अंतर्गत परियोजना पथरिया अंतर्गत पंचायत-बासाकलां के ग्राम-बांसाकलां में 22 अप्रैल 2024 को नाबालिग के बाल विवाह होने की सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को प्राप्त हुई। तत्पश्चात विभाग से बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी पथरिया राजकुमार लडिया, पुलिस अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक सुनीता भोजक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं संकल्पा समाज सेवी संस्था  दमोह द्वारा 22 अप्रैल 2024 को संबंधित के घर उपस्थित हो कर बालिका की आयु का परीक्षण किया गया, जिसमें बालिका की आयु जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर 25 जनवरी 2009 के अनुसार लगभग 16 वर्ष होना पाया गया था

            बालिका की आयु 18 वर्ष पूर्ण न होने पर नाबालिग की श्रेणी में आने के कारण बालिका के माता-पिता एवं स्वय बालिका को विवाह न करने की समझाईस दी गई, जिसके उपरांत बालिका व उसके माता-पिता द्वारा समक्ष में स्वीकार किया गया कि विवाह 18 वर्ष आयु पूर्ण होने के पश्चात करेंगे एवं कथन प्रस्तुत किये जाकर पंचनामा पर हस्ताक्षर किये गये थे।

           

 30 अप्रैल 2024 को पुनः नाबालिग बालिका के विवाह हो जाने की सूचना प्राप्त हुई, जिस पर कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित करते हुये जिला स्तपरीय जॉच दल का गठन किया गया। तत्सबंध में संबंधित के निवास ग्राम बांसाकला में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी पथरिया राजकुमार लडिया, संरक्षण अधिकारी अनंतराम कुर्मी एवं काउंसलर अर्चना पटेल पुलिस विभाग अधिकारियों के साथ पहुंचे। स्थल पर संबंधित के बड़े भाई मिले एवं उनसे ली गई जानकारी के अनुसार संबंधित, उनकी पत्नि व पुत्री को सागर जाना बतलाया गया। साथ ही यह भी कहा गया कि बालिका की शादी नहीं की गई है। स्थल पर पंचनामा व आस पास निवासरत उपस्थित व्यक्तियो के कथन लिए गये। तत् पश्चात ऐसी सूचना प्राप्ता हुई कि बालिका का विवाह उनके घर ग्राम बांसाकलां से न कर ग्राम पिपरिया चंपत के निवासी बालक के साथ मंदिर पिपरिया चंपत के पास से 22 अप्रैल 2024 की रात्रि में कर दिया गया है। जिस पर महिला एवं बाल विकास एवं पुलिस चौकी नरसिंहगढ़ के साथ बालक के घर पहुंचे तो शादी किये जाने के साक्ष्य स्पष्ट प्रतीत हुए, इस पर घर में उपस्थित बालक की माता एवं बहिन के कथन लिए गये, कथन में दोनों ने स्वीकार किया कि शादी की समस्त रस्में पूर्ण की जा कर बालिका को उसके पिता अपने साथ घर वापिस ले गये। अतः बालिका के पिता, बालिका की माता एवं बालक के पिता, माता व बहिन के द्वारा उक्त विधि विरूद्ध, विवाह में सम्मिलित लोगो के विरूध्द बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और सरक्षण अधिनियम 2015) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर विधि अनुसार कार्यवाही करने के लिए एफ.आई.आर. की गई है ।



 

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