Editor Prashant Tripathi 24Crime News
बांदा में गुरुवार को एक
दिव्यांग सख्स अपनी स्कूटी से कलेक्ट्रेट नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचा. मोहन
लाल धुरिया ने बताया कि वो विकास पार्टी से नामांकनपत्र दाखिल करने आए हैं. वो
बबेरू क्षेत्र से नगर पालिका के दो चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने
का फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश के बांदा में
गुरुवार को एक दिव्यांग सख्स अपनी स्कूटी से कलेक्ट्रेट नामांकन पत्र दाखिल करने
पहुंचा. इस दौरान उसके साथ एक एडवोकेट और प्रस्तावक था. शख्स का कहना है कि अगर वो लोकसभा चुनाव जीत जाएगा तो इसी टूटी
स्कूटी से संसद भवन दिल्ली जाएगा और सरकार की कोई गाड़ी और न ही कोई वीआईपी सुविधा
लेगा. दिव्यांग सख्स ने एक क्षेत्रीय पार्टी से नामांकन दाखिल करने पहुंचा था.
इसके अलावा उसने कहा कि उसे दिव्यांगों के अलावा कई लोगों का समर्थन मिल रहा है.
वह हर हाल में चुनाव में जीत दर्ज करेगा.
दरअसल बांदा चित्रकूट में
पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होनी है, 26 अप्रैल से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार 3 मई को खत्म होगी. अब तक तमाम राजनैतिक पार्टियों के साथ साथ कई कैंडिडेट्स ने
नामांकन पत्र खरीदा है. काफी लोग दाखिल भी कर चुके हैं. उसी क्रम गुरुवार को एक
दिव्यांग मोहन लाल धुरिया पीठ पर पिट्ठू बैग टांगकर अपनी स्कूटी से कलेक्ट्रेट में
बने नामांकन कक्ष पहुंचे. उनके साथ एक अधिवक्ता और प्रस्तावक भी था. देरी होने के
चलते उनका नामांकन दाखिल नहीं हो सका.
टूटी स्कूटी से कलेक्ट्रेट नामांकन दाखिल करने पहुंचा दिव्यांग प्रशासन द्वारा उन्हें शुक्रवार का समय दिया गया है. क्योंकि गुरुवार को बड़े राजनैतिक दलों के प्रत्याशी मौजूद थे. इसके अलावा 3 बजे के
बाद नामांकन की प्रकिया
बंद कर दी जाती है. नियम भी यही है कि कोई कैंडिडेट 3 बजे के पहले कैंपस में आ जाता है तो उनका नामांकन
दाखिल किया जाएगा. गुरुवार
को नामांकन खेल न होने पर मोहनलाल धुरिया के साथ मौजूद एडवोकेट साहब ने नाराजगी
जताई है.बांदा चित्रकूट में पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होनी है।
दिव्यांग मोहन लाल धुरिया
ने बताया कि वो विकास पार्टी से नामांकन पत्र दाखिल करने आए हैं. वो बबेरू क्षेत्र
से नगर पालिका के दो चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया
है. इसके लिए मुझे जनता का जमकर सहयोग मिल रहा है. मैंने यह मुद्दे लिया है कि
दिव्यांग होने के बाद भी वो देश की सेवा करेंगे और गरीबों का सहारा जीतने बाद अपनी
इसी स्कूटी से संसद भवन जाएंगे. कोई सरकारी गाड़ी और सुविधा नहीं लूंगा.
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