गोवंश ना केवल पूजनीय है बल्कि इनका अर्थव्यवस्था में भी योगदान है धर्म एवं समाज में बेहद मानी जाती हैं बहुत समय की बात है जब हर घर में लगभग एक क्या उससे अधिक गाय को देखते थे घर में गाय का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहता था लेकिन वर्तमान में घरो में आबादी बढ़ने से जगह कम हुई वह इस कारण हर घर आंगन से गायों कमी देखने को मिल रही है इस कारण घरो ज्यादा सड़कों पर मिल रही हैं गायों की दुर्दशा बीमारी तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है प्रदेश सरकारों ने गायों के लिए बहुत योजनाएं बनाई है जैसे की जब चुनाव आते हैं तो गोवंश बहुत अहम हो जाते हैं गोवंश को लेकर बाद-बड़ बड़ी बयान बाजी होती है वास्तव में गायों की स्थिति यह है और यह किसी से छुपी नहीं है मौजूदा सरकार गौशालाओं के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन गोवंश दुर्दशा का शिकार हो रहे है गोवंश के नाम पर तो राजनीति खूब होती है लेकिन जब इनके संरक्षण की बात आती है तो जिम्मेदारों की लापरवाही कभी किसी से छुपी नहीं है चारा पानी के साथ ठंड गर्मी से बचने के लिए पर्याप्त इंतजाम कभी देखने को नहीं मिलते बेसहारा गोवंश सड़कों पर दर-दर भटक रहे हैं वाहनों की टक्कर से मौत के शिकार हो रहे हैं इतना ही नहीं आमजनों को भी नुस्कान हो रहा है लेकिन जिम्मेदार खामोश है जिसमें संरक्षित करने के उपाय कहीं भी नजर नहीं आते
तहसील रिपोर्टर ललित 24 क्राइम न्यूज़
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