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Saturday, June 15, 2024

गौरझामर–-घटिया नाली निर्माण अधूरी पड़ी नालियां

 

 तहसील रिपोर्टर अशोक पटेल 24 क्राइम न्यूज़ सागर

स्मार्ट पंचायत का दावा कर रही ग्राम पंचायत  गुगवारा में नाली निर्माण में हुआ जमकर भ्रष्टाचार नाली निर्माण में हुआ घटिया और  गुडवत्ताहीन सामग्री का उपयोग गौरझामर– गांव के विकास के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर ग्रामवासियों की सुविधा हेतु पानी निकासी के लिए ग्राम में नाली निर्माण का कार्य किया जाता है लेकिन ग्राम पंचायत सरपंच पति, सचिव, रोजगार सहायक की मिलीभगत से भ्र्ष्टाचार कर कार्य करवाकर घटिया सामग्री का उपयोग कर नाली निर्माण कार्य किया जा रहा है। इतनी सफाई से हो रहा है भ्रष्टाचार। 




 मामला सागर जिले की देवरी जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत गुगवारा का हे जहां चंद दिनों पहले बनी नाली निर्माण में कम मात्रा , काली डस्ट , कम सीमेंट जैसी घटिया निर्माण व लोहा नहीं डाला गया जमकर भ्र्ष्टाचार किया गया है जहां पर पंचायत द्वारा नाली का निर्माण कार्य किया जा रहा है । घटिया सीमेंट का उपयोग कर नाली का निर्माण कराया गया है जिससे नाली निर्माण की कुछ ही दिनों में धज्जिया उड़ के निर्माण कार्य निर्माण कार्यों को अधूरा छोड़ गया । इस निर्माण कार्य के बारे में ग्राम पंचायत के निवासीयों व दर्जनों ग्रामवासियों ने बताया कि हम लोगों ने निर्माण कार्य के दौरान मिट्टी मिली रेत और घटिया व कम मात्रा में सीमेंट लगाने का भारी विरोध किया है पर सरपंच प्रतिनिधि, सचिव ,रोजगार सहायक एवं उपयंत्री के अड़ियल रवैए व दबंगई से ही घटिया सामग्री का उपयोग कर नाली का निर्माण किया गया है । वही बात करें तो ना डेपो की नाडेपो में से तार फेंसिंग कल लोगों ने कब्जे कर लिए मनरेगा की पुरानी नालियों में मिट्टी भरी हुई है जो नालियों की कभी सफाई नहीं की जाती बारिश के मौसम में पानी भरने की संभावना अधिक रहती है सरकार पानी की व्यवस्थाएं के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वही गुगवारा  पंचायत की नालियां मिट्टी से भरी पड़ी हुई है उन्होंने बताया कि निर्माण होने के बाद उसमें पानी की तराई भी नहीं की जा रही है जिससे कुछ ही दिनों के पश्चात ही नाली चटकने लगेगी  जगह जगह दरारें आने लगी हैं। 

 गौरतलब है कि किसी भी निर्माण कार्य की मूल्यांकन व जाँच उपयंत्री द्वारा की जाती है तभी उसकी गुडवत्ता का आंकलन होता है और वह निर्माण कार्य का मूल्यांकन करते हैं , लेकिन उपयंत्री की भी इस निर्माण कार्य में मूक सहमति मालूम होती है। यही प्रतीत होता है कि वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से ही ग्राम पंचायतों में घटिया निर्माण कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है । अब देखना यह है कि सरपंच प्रतिनिधि ,सचिव ,रोजगार सहायक एवं उपयंत्री के भ्र्ष्टाचार पर वरिष्ठ अधिकारियों व जनपद सीईओ द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है। 

ग्राम पंचायत गुगवारा के कुछ  व्यक्तियों ने नाम ना बताने की शर्त पर  बताया कि जनपद पंचायत देवरी की खानापूर्ति उनके कार्यालय में ही हो जाती है इसलिए मौके स्थल पर जो निर्माण होता है उसकी जांच करने नहीं जाते कि कैसा निर्माण कार्य हो रहा है इसलिए सरपंच सचिव रोजगार सहायक अपनी मनमर्जी से निर्माण कार्य कर लेते हैं और जनपद पंचायत देवरी के अधिकारियों की मिलीभगत से मूल्यांकन कर राशि भी निकाली जाती है और उनको कुछ मतलब ही नहीं रहता है कि निर्माण कार्य कैसे हो रहा है क्योंकि उनके घर का पैसा नहीं सरकार का पैसा लग रहा है जो अधिकारियों की मिलीभगत से उस पैसे को पानी की तरह बर्बाद किया जा रहा है शासन गांव के विकास के लिए लाखों रुपए खर्च करती है ताकि गांव का विकास हो सके लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से गांव का सही ढंग से  विकास नहीं हो पाता है और शासन को लाखों रुपए का सरपंच सचिव रोजगार सहायक एवं उपयंत्री द्वारा चूना लगाया जाता है अब देखना यह है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की जाती है। इनका कहना है इस संबंध में अधिकारी से जानकारी लेना चाहिए तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया मनीषा चतुर्वेदी सीईओ जनपद देवरी

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