गौरझामर–ई ग्राम पंचायत बरकोटी खुर्द में नाडेप निर्माण में हुआ जमकर भ्रष्टाचार नाडेप निर्माण में हुआ घटिया और गुडवत्ताहीन सामग्री का उपयोग गौरझामर– ई ग्राम पंचायत बरकोटी खुर्द गांव के विकास के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर ग्रामवासियों की सुविधा हेतु स्वच्छता बनाए रखने के लिए ग्राम में नाडेप निर्माण कार्य किया गया लेकिन ई ग्राम पंचायत बरकोटी खुर्द सरपंच , सचिव, रोजगार सहायक की मिलीभगत से भ्र्ष्टाचार कर कार्य करवा कर घटिया सामग्री का उपयोग कर नाडेप निर्माण कार्य किया गया है। जिसमें घटिया सामग्री के उपयोग से कुछ ही दिनों में नाडेप निर्माण में दरारें दिखने लगी।
ई ग्राम पंचायत बरकोटी खुर्द का है जहां चंद दिनों पहले सिरे नाडेप निर्माण में कम मात्रा सीमेंट एवं डस्ट जैसी घटिया क्वालिटी सामाग्री लगाई गई है ई ग्राम पंचायत बरकोटी खुर्द द्वारा नाडेप का निर्माण कार्य किया जा चुका है । जिसमें घटिया सीमेंट का उपयोग कर नाडेप का निर्माण कराया गया है जिससे नाडेप की कुछ ही दिनों में धज्जिया उड़ गयी है कुछ ही दिनों में निर्माण कार्य का नामोनिशान नहीं रहेगा । इस निर्माण कार्य के बारे में ई ग्राम पंचायत बरकोटी खुर्द के निवासीयों व दर्जनों ग्रामवासियों ने बताया कि हम लोगों ने निर्माण कार्य के दौरान मिट्टी मिली रेत और घटिया व कम मात्रा में सीमेंट लगाने का भारी विरोध किया है पर सरपंच प्रतिनिधि, सचिव ,रोजगार सहायक एवं उपयंत्री के अड़ियल रवैए व दबंगई से ही घटिया सामग्री का उपयोग कर नाडेप का निर्माण किया गया है । उन्होंने बताया कि निर्माण होने के बाद उसमें पानी की तराई भी नहीं की गई है जिससे कुछ ही दिनों के पश्चात ही नाडेप चटकने लगे थे जगह जगह दरारें आने लगी थी
गौरतलब है कि किसी भी निर्माण कार्य की मूल्यांकन व जाँच उपयंत्री द्वारा की जाती है तभी उसकी गुडवत्ता का आंकलन होता है और वह निर्माण कार्य का मूल्यांकन करते हैं , लेकिन उपयंत्री की भी इस निर्माण कार्य में मूक सहमति मालूम होती है। यही प्रतीत होता है कि वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से ही ग्राम पंचायतों में घटिया निर्माण कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है । अब देखना यह है कि सरपंच प्रतिनिधि ,सचिव ,रोजगार सहायक एवं उपयंत्री के भ्र्ष्टाचार पर वरिष्ठ अधिकारियों व जनपद सीईओ द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है। ई ग्राम पंचायत बरकोटी खुर्द के कुछ व्यक्तियों ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि जनपद पंचायत की खानापूर्ति उनके कार्यालय में ही हो जाती है इसलिए मौके स्थल पर जो निर्माण होता है उसकी जांच करने नहीं जाते कि कैसा निर्माण कार्य हो रहा है इसलिए सरपंच सचिव रोजगार सहायक अपनी मनमर्जी से निर्माण कार्य कर लेते हैं और जनपद पंचायत के अधिकारियों की मिलीभगत से मूल्यांकन कर राशि भी निकाली जाती है और उनको कुछ मतलब ही नहीं रहता है कि निर्माण कार्य कैसे हो रहा है क्योंकि उनके घर का पैसा नहीं सरकार का पैसा लग रहा है जो अधिकारियों की मिलीभगत से उस पैसे को पानी की तरह बर्बाद किया जा रहा है शासन गांव के विकास के लिए लाखों रुपए खर्च करती है ताकि गांव का विकास हो सके लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से गांव का सही ढंग से विकास नहीं हो पाता है और शासन को लाखों रुपए का सरपंच सचिव रोजगार सहायक एवं उपयंत्री द्वारा चूना लगाया जाता है अब देखना यह है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की जाती है।
No comments:
Post a Comment