बाँदा यौन शोषण से बच्चों की सुरक्षा अधि0-2012 (POCSO Act-2012) के सम्बंध में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन तहसील बबेरू के सभागार में किया गया - 24CrimeNew

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Thursday, August 22, 2024

बाँदा यौन शोषण से बच्चों की सुरक्षा अधि0-2012 (POCSO Act-2012) के सम्बंध में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन तहसील बबेरू के सभागार में किया गया

जिला ब्यूरो चीफ संदीप दीक्षित 24 क्राइम न्यूज़

बाँदा माननीय उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं माननीय जिला जज / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण-बांदा डा० बब्बू सारंग जी के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा के तत्वावधान में आज दिनांक 21.08.2024 को यौन शोषण से बच्चों की सुरक्षा अधि0-2012 (POCSO Act-2012) के सम्बंध में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन तहसील बबेरू के सभागार में किया गया। विधिक जागरुकता शिविर की अध्यक्षता श्रीमान श्रीपाल सिंह, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण-बांदा द्वारा की गयी। सर्वप्रथम श्रीमान श्रीपाल सिंह, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा द्वारा अपने सम्बोधन में यौन शोषण से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम पॉक्सो एक्ट-2012 के सम्बंध में

कहा गया कि 18 वर्ष से कम आयु की किसी महिला के साथ बलात्कार होने पर आपराधिक कानून (पॉक्सो एक्ट-2012) के अन्तर्गत 10 वर्ष से 20 वर्ष तक की सजा एवं मृत्युदण्ड तक का प्राविधान है। इस अधिनियम के तहत कुछ नये प्राविधान भी शामिल किये गये है जैसे बलपूर्वक किसी महिला के कपड़े उतरवाना, यौन संकेत देना, पीछा करना, अवांछनीय शारीरिक स्पर्श, शब्द या संकेत एवं यौन अनुग्रह आदि । बलात्कार, यौन यातना व क्रूरता के साथ बनाया गया शारीरिक सम्बंध अथवा हत्या या चोट का भय दिखाकर दबाव में यौन सम्बंध के लिये किसी महिला की सहमति हासिल करना एवं 18 वर्ष से कम आयु की किसी महिला के साथ उसकी सहमति या बिना सहमति के यौन सम्बंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में आने वाले गम्भीर अपराध है। ऐसी घटनाओं में यदि अभियुक्त अवयस्क / किशोर अथवा 18 वर्ष से कम आयु का हैं तो किशोर न्याय अधिनियम-2015 के अन्तर्गत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। सुश्री चारु केन, सिविल जज (जू0डि०)/अध्यक्ष, विधिक सेवा समिति-तहसील बबेरु ने अपने वक्तव्य में कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम-2013 के अन्तर्गत ऐसी घटनाएं होने पर अभियुक्त को तीन वर्ष से सात वर्ष तक की

सजा व जुर्माने का प्राविधान है। अभियुक्त के विरुद्ध आई०पी०सी० की धारा-354 के अन्तर्गत दाण्डिक कार्यवाही भी की जा सकती है। जज महोदया द्वारा उपस्थित श्रोतागणों को अपने बच्चों को अन्य व्यक्तियों द्वारा अच्छे व बुरे शरीरिक स्पर्श के सम्बंध में जागरुक करने तथा बच्चों को अकेला न छोड़े जाने के सम्बंध में व्यापक जानकारी प्रदान की। श्री लखन सिंह राजपूत, तहसीलदार-बबेरु द्वारा अपने सम्बोधन में बताया कि केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण से सम्बन्धित शिकायतों को दर्ज करने के लिये ऑन लाइन शिकायत सिस्टम आरम्भ किया गया है। महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी भी डिजिटल समाज की प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विजन को साकार करने की दिशा में सरकार महिलाओं तथा महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सूचना एवं प्रोद्यौगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने का काम कर रही है। यह कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित शिकायतों के त्वरित निपटान के लिए डिजिटल स्पेस का उपयोग करने का एक सराहनीय प्रयास है। शिविर का संचालन श्री बुद्धराज पी०एल०वी० द्वारा किया गया। शिविर के अन्त में श्री लखन सिंह राजपूत, तहसीलदार-बबेरु द्वारा आये हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर श्री राशिद अहमद डी०ई०ओ०-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा,अधिवक्तागण तथा पराविधिक स्वयं सेवक श्रीधर, समस्त कर्मचारीगण व श्रोतागण उपस्थित रहें।



 

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