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Wednesday, September 11, 2024

बाँदा श्रीअन्न, मक्का, तिलहन, फसलों को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला का हुआ आयोजन

जिला ब्यूरो चीफ संदीप दीक्षित 24 क्राइम न्यूज़


रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज प्रेक्षागृह में आयोजित हुई दो दिवसीय जागरूकता कार्यशाला 

बांदा, के एस दुबे । रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज प्रेक्षागृह में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को कृषि निदेशक विजय कुमार ने वैज्ञानिकों और किसानों के समक्ष संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की। श्रीअन्न फसलों की उपयोगिता और विस्तार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। किसानों को श्रीअन्न फसलों की खेती करने और अपने भोजन में शामिल करने की सलाह दी गई। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. नरेंद्र सिंह ने श्रीअन्न फसलों की उपयोगिता और विस्तार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। किसानों को श्रीअन्न फसलों की खेती करने और अपने भोजन में शामिल करने की सलाह दी गई। 

उप कृषि निदेशक विजय कुमार ने फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्परिणामों जैसे कि तापमान का बढ़ना, पर्यावरण का प्रभावित होना बताया गया; किसानों को सलाह दी गई कि फसल अवशेष को जलाएं नहीं, बल्कि गौशालाओं के लिए या तो दान कर दें या फिर उसे सड़ाकर कंपोस्ट खाद के रूप में परिवर्तित कर लें। कृशि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डा. प्रज्ञा ओझा ने श्रीअन्न से बनने वाले विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के बारे में जानकारी दी। श्रीअन्न के प्रसंस्करण के बारे में बताया। 

विषय वस्तु विशेषज्ञ चंद्रपाल सिंह ने तिहन फसलों के महत्व और विस्तार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। किसानों से अपील की गई कि तिलहन फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाएं, जिससे तिहन का आयात न करना पड़े। वर्तमान समय में तोरिया की बुवाई का उपयुक्त समय है, माह सितंबर के द्वितीय पखवारे के अंत तक तोरिया की बुवाई कर सकते हैं। 

इं. ओमप्रकाश मसुरहा ने अध्यात्मक के माध्यम से किसानों को यौगिक, शास्वत खेती के संबंध में जानकारी दी और किसानों से अनुरोध किया कि श्रीअन्न फसलों को उगाकमर और उसका सेवन कर दीर्घजीवी बनें। अंत में उप कृषि निदेशक ने डिजिटल एग्रीकल्चर और एनपीएसएस ऐप के बारे में जानकारी दी। इससे किसान भाई एक ही क्लिक से फसलों पर लगे रोगों और कीटों की जानकारी और उसके निवारण के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके बाद उनके द्वारा उपस्थित वैज्ञानिकों, किसान भाइयों का आभार जताया।




 

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