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Wednesday, September 11, 2024

बाँदा तालमेल का अभाव : रानी दुर्गावती प्रतिमा का शिलान्यास औपचारिकता में सिमटा


जिला ब्यूरो चीफ संदीप दीक्षित 24 क्राइम न्यूज़


रानी दुर्गावती का जन्म 05 अक्टूबर, 1524 में कालिजर दुर्ग में हुआ था । उनके पिता महोबा साम्राज्य के राजपूत महाराज कीर्तिसिंह द्वितीय चंदेल था। रानी दुर्गावती ने मध्यकालीन पुरुष प्रधान भारत में मुगल सम्राट अकबर जैसे दिग्गजों का बहादुरी से मुकाबला किया था, उनके शौर्य, पराक्रम और जौहर को देखकर अकबर ने भी हार मान ली थी। रानी दुर्गावती, भारतीय


इतिहास की एक ऐसी वीरांगना थी, जिन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया और अपने पति की मौत के बाद न सिर्फ गोंडवाना राज्य की शासक बनी, बल्कि उन्होंने एक साहसी शासक की तरह अपने राज्य की रक्षा के लिए कई लड़ाईयां भी लड़ी और फिर मुगलों से युद्ध करते हुये वीरगति को प्राप्त हुई । इतिहास में रानी दुर्गावती की वीरता और साहस के किस्से स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गए है। मा० मुख्यमंत्री पर्यटन सहभागिता योजनांतर्गत रू० 28.65 लाख की स्वीकृति प्रदान की गयी हैं। जिसमें मा० विधायक, नरैनी की संकल्पना के


कारण लागत की 50 प्रतिशत की धनराशि रू0 14.33 लाख विधायक निधि तथा 50 प्रतिशत की धनराशि रू0 14.33 लाख पर्यटन विभाग द्वारा वित्त पोषित की जायेगी। रानी दुर्गावती जी की मूर्ति की स्थापना से कालिंजर किले में आने वाले पर्यटको हेतु एक आकर्षण बढेगा तथा जनसामान्य में महिला सशक्तिकरण का सन्देश भी प्राख्यापित होगा। उक्त हेतु प्रदेश के यशस्वी मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ एवं ठा० जयवीर सिंह, मा० पर्यटन मंत्री, उ०प्र० का साधुवाद |

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