जिला ब्यूरो चीफ समीर रंजन नायक
भुवनेश्वर: राज्य में एचआईवी संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यद्यपि राज्य सरकार एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए कई कदम उठाने का दावा करती है, लेकिन हकीकत में वह संक्रमण दर को कम करने में सफल नहीं हो पाई है। इसके विपरीत, इन संक्रमणों की दर हर साल बढ़ती जा रही है। दिसंबर 2024 तक राज्य में कुल 63,742 एचआईवी संक्रमित मरीजों की पहचान की गई थी और यह संख्या हर साल बढ़ रही है। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंगा ने विधानसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 2021-22 में 2,341 लोग एचआईवी से संक्रमित हुए, 2022-23 में 3,232 लोगों की पहचान की गई और 2023-24 में 3,436 एचआईवी संक्रमित मरीजों की पहचान की गई। एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। संक्रमित मरीजों के इलाज और संक्रमण दर को कम करने के लिए राज्य में कुल 20 एआरटी केंद्र, 17 लिंक एआरटी केंद्र और 12 समूह सेवा केंद्र काम कर रहे हैं। कमजोर समूहों में एचआईवी संक्रमण की दर को रोकने के लिए राज्य के 800 गांवों में 52 लक्षित परियोजनाएं और 7 संपर्क कार्य योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। राज्य में कुल 167 विशेष परामर्श एवं परीक्षण केन्द्र, 7 निजी भागीदारी केन्द्र तथा 1232 सुविधा परामर्श एवं परीक्षण केन्द्र कार्यरत हैं।
राज्य में प्रवासी श्रमिकों में एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए 11 रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। एचआईवी से संक्रमित गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव कराने के लिए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जा रही है।
आश्चर्य की बात यह है कि सरकार के ये सारे प्रयास सफल नहीं हुए हैं। जागरूकता की कमी के कारण एचआईवी से संक्रमित लोगों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।
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