गुजरात राज्य की राजधानी गांधीनगर में व्यवसाय करने में आसानी के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल का सक्रिय नवोन्वेषी दृष्टिकोण गांधीनगर में राज्य के 100 पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न उद्योग एवं व्यापार संघों, औद्योगिक संपदा संघों और इसके समाधान के लिए सरकार के उपायों पर सामूहिक चर्चा और मंथन के लिए एक बैठक आयोजित की गई
मुख्यमंत्री द्वारा नियमित अंतराल पर ऐसी बैठकें आयोजित करने के निर्देश मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गांधीनगर में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों, जिलों और शहरों में 100 से अधिक उद्योग और व्यापार संघों, औद्योगिक संपदा बोर्डों और उद्योग और व्यापार से जुड़े संघों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
मुख्यमंत्री ने व्यापारियों की समस्याओं और मुद्दों का उचित समाधान कर व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए उद्योग और व्यापार संघों के साथ सामूहिक चर्चा-मंथन बैठकें आयोजित करने का एक नया तरीका अपनाया है।
तदनुसार, इस बैठक में, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों और जिलों के औद्योगिक व्यापार व्यापार संघों ने जीआईडीसी निपटान और दोहरे कराधान, एमएसएमई को एकल खिड़की प्रणाली का लाभ, पर्यावरण मंजूरी प्रमाण पत्र, औद्योगिक स्थल पर दुर्घटना के मामले में उद्योगपति के खिलाफ लगाए गए दंडात्मक धारा 304 ए को हटाने, साणंद जीआईडीसी में अस्पताल, स्कूल, फायर स्टेशन जैसी बुनियादी सुविधाओं को और अधिक व्यापक बनाने के मुद्दे रखे।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने इन सभी अभ्यावेदनों को ध्यानपूर्वक सुना और उनके उचित एवं त्वरित समाधान के लिए राज्य सरकार का सकारात्मक रुख दिखाया।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने मौके पर ही उद्योग विभाग को उद्योग एवं व्यापार संघों के साथ नियमित रूप से ऐसी सामूहिक चर्चा-मंथन बैठकें आयोजित करने के निर्देश भी दिये।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात में जो मजबूत विकास की बुनियाद रखी गई है, उसी का परिणाम है कि गुजरात आज सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन वाला राज्य बन गया है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार मुद्दों के समाधान के लिए उचित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि उद्योग और व्यापार पर कोई नुकसान या प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
इस बैठक में हुई चर्चा और सामूहिक मंथन को लेकर उद्योगपतियों के संगठनों, व्यापार संघों ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार की सक्रिय, जनहितैषी शासन व्यवस्था की सराहना की और इस पहल को व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने वाला बताया।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों और व्यापारिक संगठनों से पानी बचाने और बारिश पकड़ने के अभियान में सक्रिय योगदान देने, पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक पेड़ लगाने और औद्योगिक क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने का आह्वान किया।
इस बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार डॉ. हसमुख अढिया, अतिरिक्त मुख्य सचिव एम. के. दास, उद्योग विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती ममता वर्मा, मुख्यमंत्री की सचिव श्रीमती अवंतिका सिंह, उद्योग आयुक्त श्री पी. स्वरूप, जीआईडीसी के एमडी। श्रीमती प्रवीणा डीके के साथ-साथ सीआईआई गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स, एसोचैम और वडोदरा, सूरत, राजकोट चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, कच्छ, बनासकांठा सुरेंद्रनगर, जामनगर, गांधीनगर औद्योगिक एस्टेट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
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