अरुण थॉमस की रिपोर्ट
बरेली: जिले के मीरगंज तहसील के शीशगढ़ थाना क्षेत्र में एक गरीब दिहाड़ी मजदूर और उसके परिवार की पैतृक जमीन पर दबंगों द्वारा कथित तौर पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। पीड़ित गफूर अहमद और उनके भाई शकूर अहमद ने बरेली मंडल के मंडलायुक्त को एक शिकायत सौंपकर अपनी जमीन की पैमाइश कराने और दबंगों से कब्जा हटवाने की गुहार लगाई है। शिकायत में दबंगों पर धमकी देने, गाली-गलौज करने और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह मामला गरीब परिवार की जमीन को हड़पने की साजिश और दबंगई का गंभीर उदाहरण पेश करता है। शिकायत के अनुसार, गफूर अहमद और उनका परिवार मूल रूप से ग्राम सिथरा, थाना देवरनियां, जिला बरेली के निवासी हैं। उनकी पैतृक जमीन धरमपुरा गांव में स्थित है, जो लगभग एक बीघा तीन बिसवा (गाटा संख्या 197, खाता संख्या 00826) है। गफूर का आरोप है कि गांव के ही मंगा खां और उनके भाई जंगा खां ने उनकी इस जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। दोनों दबंगों ने पहले जमीन पर यूकेलिप्टस के पेड़ लगाए और बाद में पेड़ काटकर बेच दिए, लेकिन न तो जमीन खाली की और न ही बिक्री का हिस्सा दिया। जब गफूर ने जमीन वापस मांगी तो दबंगों ने उन्हें धमकियां दीं और मारपीट की बात तक कही।
गफूर ने बताया कि 15 दिसंबर 2024 को गांव के कुछ लोगों के सामने उन्होंने दबंगों से जमीन खाली करने को कहा, लेकिन जवाब में मंगा खां और जंगा खां ने गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। दबंगों ने अपनी राजनीतिक पहुंच और थाना-तहसील में प्रभाव का हवाला देते हुए कहा कि अगर गफूर ने शिकायत की तो उसे और उसके परिवार को झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाएगा। डरे-सहमे गफूर और उनके भाई ने अब मंडलायुक्त से न्याय की उम्मीद लगाई है। इस शिकायत में मंडलायुक्त से जमीन की पैमाइश कराने, अवैध कब्जा हटवाने और दबंगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। यह मामला गरीबों के शोषण और दबंगई के खिलाफ प्रशासन की भूमिका को कटघरे में खड़ा करता है। अब देखना यह है कि मंडलायुक्त इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करतीं हैं।
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