जिला क्राइम रिपोर्टर नीरज जैन
महाराजपुर 12-03-2025 महासमाधि धारक . आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज से दीक्षित आचार्य श्री समयसागर जी महामुनिराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य .
मुनि धर्मसागर महाराज एवं प.पू. मुनि भावसागर महाराज,के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन धर्मशाला में प्रातःकाल की बेला में धर्म सभा का आयोजन किया गया ,चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन किया गया, शास्त्र अर्पण किया गए ,आचार्य श्री की पूजन की गई , ,इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भावसागर जी महाराज ने कहा कि
आपका कोई साथ नहीं देगा आपको अपना साथ खुद देना होगा परिवार में धन का वर्गीकरण करना चाहिए इनकम में से सभी को हिस्सा मिलना चाहिए जिससे कि कोई पैसा चोरी नहीं करें ,सरकार को भी ऐसे ही व्यवस्था करना चाहिए ,टैक्स में भी बटवारा होना चाहिए , बड़े दान देने वालों को जीवन बीमा जैसी किस्तों के रूप में सुविधा होना चाहिए ,दान बोलकर नहीं देने से अनेक बीमारियां एवं परेशानियों होती है ऐसा शास्त्रों में लिखा है,किसानों को खेती पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए अन्य कार्य भी करना चाहिए जिससे कि अतिरिक्त आमदनी हो सके ,पूरे देश में साधर्मी फंड का अकाउंट अलग से होना चाहिए जिससे कि गरीबों के लिए चिकित्सा, शिक्षा की व्यवस्था हो सके ,विवाह एवं जन्मदिन ,शादी की सालगिरह पर मंदिर ,गौशाला ,पाठशाला के लिए दान जरूर देना चाहिए,
शुभ कार्यों के लिए समय का इंतजार नहीं करें ,तुरंत करें जीवन का कोई भरोसा नहीं रहता है कब क्या हो जाए, सरकार को भी ऐसे ही व्यवस्था करना चाहिए टैक्स में भी बटवारा होना चाहिए बड़े दान देने वालों को जीवन बीमा जैसी किस्तों के रूप में सुविधा होना चाहिए ,दान बोलकर नहीं देने से अनेक बीमारियां एवं परेशानियों होती है ,ऐसा शास्त्रों में लिखा है,किसानों को खेती पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए अन्य कार्य भी करना चाहिए जिससे कि अतिरिक्त आमदनी हो सके ,पूरे देश में साधर्मी फंड का अकाउंट अलग से होना चाहिए जिससे कि गरीबों के लिए चिकित्सा, शिक्षा की व्यवस्था हो सके ,विवाह एवं जन्मदिन ,शादी की सालगिरह पर मंदिर ,गौशाला ,पाठशाला के लिए दान जरूर देना चाहिए,
शुभ कार्यों के लिए समय का इंतजार नहीं करें ,तुरंत करें जीवन का कोई भरोसा नहीं रहता है कब क्या हो जाए,
होली पर ऐसे रंगो का प्रयोग करें जिससे कि बीमारियां नहीं हो केमिकल वाले रंगों का प्रयोग करने से अनेक बीमारियां होती हैं
होली पर कई बार लोग मस्ती में जबरदस्ती रंग लगा देते हैं. जिससे कई लोगों को एलर्जी हो जाती है. कुछ लोगों को तो एलर्जी की बीमारी होती है, उन्हें होली पर ज़्यादा ध्यान रखने की ज़रूरत होती है. कई बार गुलाल नाक में जाने से अस्थमा के मरीज़ों को भी तकलीफ हो सकती है.
एक-दूसरे को रंग-बिरंगे गुलाल लगाते हैं। हालांकि पहले के समय में लोग फूलों या उनसे बने रंगों से होली खेला करते थे, लेकिन आज होली खेलने के लिए धड़ल्ले से रासायनिक कलर का इस्तेमाल किया जाता है। होली के इन रंगों में लेड ऑक्साइड, क्रोमियम आयोडाइड,कॉपर,सल्फेट,सीसा और एल्युमीनियम ब्रोमाइड जैसे रसायन मौजूद होते हैं। जो व्यक्ति के लिए सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं। केमिकल वाले रंगों से होली खेलने पर सेहत को बड़े नुकसान होते हैं ,इसलिए रंगो का प्रयोग सावधानी से करें ,
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