जिला ब्यूरो चीफ संदीप दीक्षित
बांदा। शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय बांदा की अध्यक्षता में विश्व मलेरिया दिवस स्लम बस्ती निम्नीपार कांॅशीराम कालौनी बांदा में जिला मलेरिया अधिकारी टीम एवं स्कूल के छात्रों के द्वारा जागरूकता रैली निकालकर शुभारम्भ किया गया साथ ही जिला मलेरिया टीम के द्वारा मलेरिया की जॉच, की गई एवं पोस्टर व पम्पलेट्स वितरित कर जनमानस को जागरूक किया गया। जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा बताया गया कि मलेरिया बुखार मच्छर के द्वारा फैलने वाला बुखार है जो मादा एनाफ्लीज मच्छर द्वारा काटने से फैलता है। इस मच्छर का प्रजनन स्थल साफ ठहरा हुआ पानी, घरों में एकत्रित पानी है। इसका संक्रमण काल जून से सितम्बर तक होता है मलेरिया एक ऐसा बुखार है जिसमें रोगी को सर्दी और सिरदर्द के साथ बार-बार बुखार आता है। मलेरिया के लक्षणों में सिरदर्द, पसीना आना, ठंड लगना, उल्टी होना है। बुखार के लक्षण मच्छर के काटने के 04 से 10 दिनों के बाद दिखाई देने लगते है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने समस्त मुहल्ले में निरोधात्मक कार्यवाही के अन्तर्गत रक्त पट्टिकाओं का एकत्रीकरण, जल भराव वाले स्थानों पर लार्वा निरोधक दवा का छिडकाव एवं मलेरिया से संक्रमित हाने से बचाने के लिये जनमानस को पम्पलेट्स के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा दी एवं टीेमों द्वारा घर-घर जा कर मच्छर पैदा होने की पस्थितियों को चैक किया तथा बचाव की जानकारी दी, कि कूलर, गमले, प्लास्टिक के पात्रों अनउपयोगी पात्रों, नारियल खोल, पशु पक्षियों को पीने के लिये रखे पानी के पात्र जिनमें एक सप्ताह से ज्यादा पानी स्टोरेज है, को खाली करने हेतु जागरूक किया।
बुखार होने पर क्या करेंः-
1.सामान्य बुखार होने पर नजदीक के राजकीय चिकित्सालय /प्रा0स्वा0केन्द्र /सामुु0स्वा0केन्द पर रक्त की जांच एवं उपचार अवश्य करायें। कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है।
2.घर के कूलर, बाल्टी घडे़ तथा ड्रम का पानी, फ्रिज ट्रे, नारियल के खोल, ओवर हैड टैंक, गमले, पशु पक्षियों को रखे पानी के पात्र टायर एवं अनउपयोगी पात्रों को साप्ताहिक अन्तराल पर बदलते रहें।
3.घर के आस पास एवं गड्ढों में पानी एकत्रित न होने दे। पानी एकत्रित होने वाले स्थानों को मिट्टी से भर दे, यदि सम्भव न हो तो कुछ बूंद जले हुए मोबिल आयल को अवश्य डाल दे।
4.सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। शरीर पर मच्छर निरोधक क्रीम /नीम तथा सरसों के तेल का लेप खुले भागों पर लगायें। नीम की पत्ती का धुआं करें।
5.घर के आस-पास पानी एकत्रित न होने दें, नालियों की नियमित सफाई करें।
6.घर के आस-पास साफ सफाई रखें।
क्या न करेंः-
1.घर के आस पास छत पर तथा आंगन में पडे़ पुराने बर्तनों, टायर, कूलर फूलदान, गमले में पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आस पास कूड़ा एकत्रित न होने दें एवं सफाई पर ध्यान दें।
3.घर में यदि बुखार का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें अथवा ऐसे कमरें में रोगी की देखभाल करें जिसके खिड़की तथा दरवाजे पर जालियां लगी हों।
4.बुखार का रोगी बिना रक्त की जांच कराये दवा का इस्तेमाल न करें तथा खाली पेट दवा न खाये।
उक्त कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वी0बी0डी0 डा0 आर0एन0 प्रसाद, जिला मलेरिया अधिकारी, पूजा अहिरवार, सहायक मलेरिया अधिकारी, श्री विजय बहादुर, हेल्थ सुपरवाइजर राकेश कुमार खरे, एस0एल0टी0 श्री बृज विहारी, मलेरिया निरीक्षक श्री राजकुमार, श्री आनन्द कुमार मिश्रा, श्री परीक्षित द्विवेदी, श्री भानू प्रताप, एवं फाइलेरिया निरीक्षक श्री गोपाल यादव, श्री दिलीप कुमार, एवं एम0पी0 डब्ल्यू0, इनसेक्ट कलेक्टर, समस्त फील्ड वर्कर, ने प्रतिभाग किया।
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